नारी जीवन (रिश्तों का ताना बाना )
नारी जीवन होता शायद कुछ रिश्तों का ताना- बाना इसके इतर पुरुष-नारी के सम्बन्धों को कब जग माना त्याग,धरम, अनुशासन,
Read Moreनारी जीवन होता शायद कुछ रिश्तों का ताना- बाना इसके इतर पुरुष-नारी के सम्बन्धों को कब जग माना त्याग,धरम, अनुशासन,
Read Moreतेरी फूलों जैसी गोदी में। तेरी ठंडी मीठी लोरी में। श्रद्धा वाले फूल चढ़ाता हूँ। माँ तुझ को मैं सीस
Read Moreमेंहदी लगाओ सखियों आया चौथ का त्यौहार। पी को रिझाओ सखियों आया चौथ का त्यौहार। बिंदिया लगाकर सजधज के बैठूँ
Read Moreसमय बहुत बलवान रे साथी समय बहुत बलवान। आज तेरा तो कल मेरा है समय बहुत बलवान। वक्त की धारा
Read Moreअपने छोटे से जीवन मेंकितने सपने देखे मन में—इठलाना-बलखाना सीखाहँसना और हँसाना सीखासखियों के संग झूला-झूलामैंने इस प्यारे मधुबन मेंकितने
Read Moreलौट आना बेफ़िकर जब भी तुम्हारा दिल करे । तोड़ देना नींद तनहा ख्वाब से मिलकर गले ।। मैं हर
Read Moreदेख तेरे इस जग की हालत क्या हो गई भगवान। ईंट-गारे के महल बने हैं बन सका न ये इंसान।
Read Moreचाह रहा हिय कभी न टूटे, जीवन की यह डोर। हाय अभागी ओ मृगतृष्णा! कहाँ तुम्हारा छोर? रूप बदलता भाग
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