मुक्तक
१) आंधियों को चीरकर बढ़ना है तुझको । नित नया इतिहास फिर गढ़ना है तुझको ।। आग के दरिया को
Read Moreदेख वायरस को मची, जग में हाहाकार। कोरोना से डर रहा, सारा ही संसार।। — जगह-जगह पर हो रही, कोरोना
Read More१) जो पीकर आंसुओं को भी, स्वयं हीं मुस्कुराती हैं । करें बलिदान इच्छा सब, न जाने सुख, क्या पाती
Read Moreदेश हमारा एक है, जिसका भारत नाम। प्यार मुहब्बत से रहो,नफरत का क्या काम। डर ही तो है आपका, कुछ
Read Moreहोली के पांच मुक्तक 1- होली के रंग मिले जब हृदय खिलने लगे फाग का छिड़ा राग बाल युवा मचलने
Read Moreअबके फागुन यूँ करो,मिले सभी का साथ । जला बैर की होलिका, गल डालो सब हाथ ।।१।। ढीठ छोरियां कर
Read Moreचूहे बिल्ली की तरह, तेरा मेरा प्यार जैसे ही होगा मिलन, छूटेगा संसार। दुनिया में मशहूर है , तेरा मेरा प्यार , तू रिश्वत मैं धांधली, चले मस्त व्यापार। टेढ़ी मेढ़ी जिंदगी, उस पर दुख अम्बार, फिर भी देखो अडिग है, तेरा मेरा प्यार। तेरा मेरा प्यार है, या अरहर की दाल , गल जाए तो ठीक है, वर्ना
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