नूतन साल आया
पूर्ण कर अरमान, नूतन साल आया। जाग रे इंसान, नूतन साल आया। ख़ुशबुओं से तर हुईं बहती हवाएँ थम गए
Read Moreपूर्ण कर अरमान, नूतन साल आया। जाग रे इंसान, नूतन साल आया। ख़ुशबुओं से तर हुईं बहती हवाएँ थम गए
Read Moreनीर झील का हुआ विषैला, किसको अपनी व्यथा सुनाएं।। यहाँ विदेशी सुंदर पक्षी, आकर सबका मन बहलायें। मीठा खारा नीर
Read Moreनमन तुम्हें हे राष्ट्रपुरुष,शत कोटि निवेदित प्रणाम तुम्हें भारत के हे मानबिंदु, जीवन से ऊंचा सम्मान तुम्हें। आजादी के अग्रदूत
Read Moreये दिन तुम पर भी आयेंगे अपनी पारी तुम समझो वृद्ध पिता की बूढी माँ की जिम्मेदारी तुम समझो तुम्हे खिलाया गोद
Read Moreठुश ठूस कर खाते हैं जनता का पैसा भाषण देते हैं भरपूर! जो ना करें जनता की सेवा दिल से
Read More