संस्कार की भाषा
तनिक-तनिक बात पर मत उपजाओ द्वेष का आवेश मनमोहक सम्बन्ध दिखाकर जरा चरित्र का करो उत्कर्ष । मानवता ही है
Read Moreतनिक-तनिक बात पर मत उपजाओ द्वेष का आवेश मनमोहक सम्बन्ध दिखाकर जरा चरित्र का करो उत्कर्ष । मानवता ही है
Read Moreकोरोना महामारी आई है देने सीख। स्वच्छता का रखो ध्यान मत मांगों भीख। चलकर पश्चिम की ओर कुछ न पायी
Read Moreबिटिया थी दुलारी अपने माँ बाबा की बहना थी प्यारी अपने भाई बहना की पर लगी नज़र ऐसी जकड़ लिया
Read Moreकदमों को वहां ले चलो, जहां कदम कभी नहीं पड़ते हैं। और देखो बड़ी-बड़ी होटलों के पीछे, छोटे टूटे-फूटे घरों
Read Moreअपना कह कर के वो मुझे आजमाते रहे, ज़ख्म वो देते गए और हम मुस्कुराते रहे! ख्वाब शीशे की तरह
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