मैं नशे में हूँ
उजाले मंद हुए , मैं मयखाने चला गया। जख्म उजागर ना हो,मैं पीता चला गया।। जैसे जीवन से कभी नफरत
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Read Moreकामना है यही न हमें मंज़िल की तिश्नगी थी, न तलाश हमें तो राह के कांटों से ही राहत मिल
Read Moreसच बतलाना तुम सागर तुमसे मेरा क्या नाता है। पास देख कर तुम्हें मगर प्रेम उमड़ घुमड़ आता है। समझा
Read Moreआओ मिलकर करें हम सब अपने पूर्वजों का अभिनंदन बीज मिटटी में जो बो गए हैं करें मिलकर उनका हमसब
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