संसार में ईश्वर और धर्म एक हैं
ओ३म् क्या ईश्वर और धर्म आज भी प्रासंगिक हैं अथवा यह बातें मध्यकालीन अज्ञान व अन्धविश्वास पर आधारित हैं? संसार
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Read Moreओ३म् मनुष्य योनि मोक्ष का द्वार है। मोक्ष दुःखों से सर्वथा निवृत्ति और जन्म-मरण के बन्धन से मुक्ति को कहते
Read Moreओ३म् हमारे एक लेख में आर्यसमाज की प्रथम पीढ़ी के गीतकार मेहता अमींचन्द जी का नाम आया था। लेख पर
Read Moreओ३म् वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में 21 दिवसीय चतुर्वेद परायण यज्ञ निर्विघ्न सम्पन्न वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में
Read Moreहम सब सुखी रहना चाहते हैं, कोई दुःखी नहीं रहना चाहता. अगर प्रश्न पूछा जाए, कि ”दुनिया में ऐसा कौन
Read Moreप्रत्येक मनुष्य समाज को एक नई दिशा व दशा देने की पूर्णरूपेण योग्यता रखता है।अब दिशा व दशा कैसे हो,
Read Moreथक गया हूँ सुन-सुनकर कि ये त्योहार ना मनाओ, वो त्योहार ना मनाओ। दीवाली में पटाखे मत चलाओ, प्रदूषण होता
Read Moreओ३म् –ऋषि दयानन्द जन्मभूमि टंकारा में ऋषि बोधोत्सव पर आयोजित कार्यक्रम- इस वर्ष हमने महर्षि दयानन्द की जन्म भूमि टंकारा
Read Moreहमारे धर्मशास्त्रों में मातृभूमि के महत्व पर व्यापक रूप से प्रकाश डाला गया है। वेद का कथन है- ‘माता भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या:’ अर्थात भूमि मेरी माता
Read More(मदर टेरेसा को ईसाई समाज संत घोषित करने जा रहा है। इस High Profile अन्धविश्वास पर इस लेख के माध्यम
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