कविता – उदास थी जिन्दगी
आज बैठी जब मैं फुर्सत में कुछ देर कर ली जिन्दगी से मुलाकात बहुत नाराज़ थी जिन्दगी शायद उदास थी
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Read Moreएक नदी के किनारे दो पेड़ खड़े थे, वर्षा ऋतु से पूर्व जब खूब बारिश होने वाली थी, एक नन्हीं
Read Moreअमीर कालोनी की एक आलीशान गाड़ी में जब भी अलसेशियन कुत्ता जैक अपने मालिक के साथ सुबह सुबह हवाखोरी करने
Read Moreनये साल की तुम्हें बधाई ! नव पल्लव आये शाखों पर। हुए चंपई पीपल , पाकर । बाग-बाग रितुराज आगमन,
Read Moreबचपन कंगाली में बीता। विवाह हुआ। सब कुछ ठीक तीन छोटे छोटे बच्चों को छोड़कर पति चल बसा। जैसे तैसे
Read Moreसबको आता है सुकूँ आग क्यों लगाने में। है बुरी बात यही एक, बस ज़माने में।। अभी तो शिरकतें
Read Moreभारती की आन पे वो, आज मिटने को चला हाथ में शमशीर लेके, काटने रिपु का गला पूजता है वो
Read Moreबचपन का संसार बड़ा सजीला रंग रंगीला खेल खिलौनो का संसार | बचपन मे हम खेला करते , गुड्डे गुड़िया
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