सभी तैयार हैं अपने मेरे खंज़र चलाने को
सभी तैयार हैं अपने मेरे खंज़र चलाने को मेरा नामो-निशां दुनिया के पन्नों से मिटाने को मुझे मेरी गरीबी
Read Moreसभी तैयार हैं अपने मेरे खंज़र चलाने को मेरा नामो-निशां दुनिया के पन्नों से मिटाने को मुझे मेरी गरीबी
Read Moreदिलासा ही दिलाया जा रहा है अभी भी आज़माया जा रहा है यक़ीनन ग़म छुपाया जा रहा है जो इतना
Read Moreएक ग़ज़ल आई जब तू जिन्दगी हँसने लगी तू मेरे हर सपने में रहने लगी | धीरे धीरे तेरी चाहत
Read Moreभौंहें वक्र-कमान न कर लक्ष्यहीन संधान न कर ओछी हरक़त करके बन्दे दुनिया को हैरान न कर दीन-धर्म पर करके
Read Moreदर्द को अपने से कभी रुखसत ना कीजिये क्योंकि दर्द का सहारा तो जीने के लिए है पी करके मर्जे
Read Moreटूट्ते आईने सा हर व्यक्ति यहां क्यों है .हैरान सी नज़रों में ये अक्स यहां क्यों है। दौडता नज़र
Read Moreउनके अश्कों को पलकों से चुरा लाये हैं | उनके गम को हम खुशियों से सजा आये हैं आप मानें
Read Moreमात्रा भार-26 घास पूस लिए बनते छप्पर छांव देखे हैं हाथ-हाथ बने साथ चाह निज गाँव देखे हैं गलियां पगडंडी
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