बरसात के दोहे
बारह मे से चार को, हमने दिया घटाय शेष शून्य है दो गुना, जीवित रहा न जाय बिना नीर जीवन
Read Moreबारह मे से चार को, हमने दिया घटाय शेष शून्य है दो गुना, जीवित रहा न जाय बिना नीर जीवन
Read Moreपलकों की हदों को तोड़ कर, दामन पे आ गिरा बस एक कतरा मेरे सब्र की, तौहीन कर गया ज़माने
Read Moreपिता के उपकारों का, है ना कोई छोर. नहीं है जग में दूजा, उन -सा कोई ओर. १ गोदी में
Read Moreयोग दिवस के मुद्दे पर मोदी ने, योग कराया दुनिया को, रामदेव की कपालभांति से, अवगत कराया दुनिया को। शीर्षासन
Read Moreपिताजी अपनी मजबूरियाँ कभी न करते हैं बयान हमें सुख की छाँव देते हैं खुद बनके आसमान हमारी खुशियों के
Read Moreदेश – जगत में हो रहा, जनसंख्या विस्फोट. दूसरे नंबर भारत, वृद्धि मारे चोट . १ ग्यारह जुलाई मनाय, ‘
Read Moreस्वाति बूँद मोती बने , कंचन बने शरीर बूँद बूँद सागर भरे , यति गति संग समीर रहा कभी टेथीज
Read Moreअब भी विस्थापित कश्मीरी पंडित कैसी लाचारी है मोदीजी राजनाथ देखे क्या कैराना की बारी है क्यों शासन चुप है
Read More1 – जो भी मिल जाता है तकदीर मान लेती हैं रूठे नसीब को भी ये तदवीर मान लेती हैं
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