सूरज
तुमसे ही यह धरती सुन्दर है तुमसे ही इस धरती पर बचा जीवन है कोटि कोटि प्रकाश वर्ष दूर रहकर
Read Moreमाँ क्यों कहती थी तुम? बाहर जाओ तो एक पुरुष के साथ जाओ पिता , पति, पुत्र या भाई मैं
Read Moreये गुलाब के पंखुड़ियों पर बारिश की बूँदे यूँ कुछ अक्श तेरे चेहरे का उभर आता है जो बसाई है
Read Moreमलमास मे शिव भक्त आज, जल चढ़ा रहे हैं , भांग अरू धतूर संग ,फल चढ़ा रहे हैं/ महिमा अमित
Read Moreतेरे यादों का लिहाफ ओढ़ कर मे कल सारी रात चलती रही तुम ऐसे तो न थे तुम ऐसे कब
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