मुक्तक
नव प्रवाह / धनक का धमक / जीत का ज्वल हिय हर्षित / नीति रीति उज्ज्वल / जीव विह्वल छटा
Read Moreतुम रहते हो मेरे आसपास मुझे ऐसा लगता है मैं तम हूँ तुम हो प्रकाश मुझे ऐसा लगता है
Read Moreअध्याय-8: मेरे हमदम मेरे दोस्त दिल अभी पूरी तरह टूटा नहीं। दोस्तों की मेहरबानी चाहिए।। मैं उन लोगों को अत्यधिक
Read Moreबडे जतन से बुना, जो रिश्ता हमने! सहेज हर धागे को, पिरोया लम्हों में! तोड दी एक पल मैं, ख्वावों
Read Moreहमारा एक भी दिन शायद ही ऐसा होता है। जब हम अपने को टी.वी. के समक्ष बैठा हुआ न पाऐ।
Read Moreकिसी कवि की कल्पनाओं सी उन्मुक्त ……. उड़ने की आकांक्षा लिए हुए जहाँ तक हो बहाव बिखेरती अपने विचार जमाती
Read Moreगीता में दैवीय सम्पदा के परिचायक 26 गुणों का वर्णन करते हुए सबसे पहले अभय का उल्लेख किया गया है।
Read Moreधरती वासी प्रसन्न है और उम्मीद लगाये बैठे है.. बड़ा दिन क्रिसमस आने वाला है.. इस दिन सभी लोग सांता
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