लघुकथा – बोल पड़ी वॉशिंग मशीन
सरला पिछले एक हफ़्ते से बहुत परेशान थी, ख़ुशमिज़ाज सरला घरेलू कामों को मन लगाकर करती । सारे घर को
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Read Moreसाहित्यिक मंच फलक (फेसबुक लघु कथाएं)
Read Moreठंडी हवा
Read Moreगाय पर लट्ठ लगभग फैंकते हुए वह चिल्लाई-“छोरी,जा छुड़ा उस डायन से! घास की दो पुली मुंह में भर ले
Read More“अनोखी, आज तुम जहां भी होगी, बहुत खुश होगी. तुम्हारे हंताओं को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया है. उसका
Read Moreआज 31 दिसम्बर की रात यानि कल से नव बर्ष की शुरुआत । ठंड पूरी तरह से अपने शबाब पर
Read More“मेरा प्यारा बच्चा, छत पर क्यों गई थी? इतनी जल्दी क्या थी दुनिया छोड़ने की!” अनगिनत सवाल पकड़ बनाते हुए…
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