गज़ल
गम छुपा कर सदा मुस्कुराते रहे | प्रीत की रीत हँस कर निभाते रहे | ना उमीदी का दामन न
Read Moreये सच अगर होता, की कुछ भी देखता नही।। पत्थर की आँखें धीरे से, वो पोंछता नही।। ज़ख्मों पे मरहम,
Read Moreनफरते बोना यहाँ सस्ता हुआ | प्रेम उपजाना बहुत महंगा हुआ | हर तरफ काँटो की बो डाली फसल और
Read Moreछिपा रही है चाँद सलोना , दुनिया की नज़रों से ! चेहरे पर मुस्कान जगाती , पर्दे की होशियारी
Read Moreकहो तो प्यार का नज्म लिख दूँ कहो तो नफरत का वक्त लिख दूँ मुझसे मिलने वाले है हजारो लेकिन
Read Moreआज भी तुमसे मिलने की आस है बात वही पुरानी समझ लो खास है न जाने कब सुबह से शाम
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