ग़ज़ल
ज़िंदगी बन न अब ज़हर जाए।ये प्रदूषण कहीं न बढ़ जाए।। कर मुहब्बत यहाँ सँभल कर ही।उम्र अभी से सुनो
Read Moreबात बस इतनी सी है कि कुछ भी नहींये जो दुनिया है बस अपनी नहीं ! ख्वाबों की दुनिया बङी
Read Moreयूँ सताओ मत मुझे तकलीफ होती है।गीत गाओ मत मुझे तकलीफ़ होती है। गम में मेरे खुश हो तुम तो
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