“भाईदूज के अवसर पर”
भइया की लम्बी आयु का, माँग रहीं है यम से वर। मंगलतिलक लगाती बहना, भाईदूज के अवसर पर।। चन्द्रकला की
Read Moreभइया की लम्बी आयु का, माँग रहीं है यम से वर। मंगलतिलक लगाती बहना, भाईदूज के अवसर पर।। चन्द्रकला की
Read Moreहुआ मौसम गुलाबी अब, चलो दीपक जलाएँ हम। घरों में धान आये हैं, दिवाली को मनाएँ हम। बढ़ी है हाट
Read Moreअँधियारे से लड़कर हमको,उजियारे को गढ़ना होगा ! डगर भरी हो काँटों से पर,आगे को नित बढ़ना होगा !! पीड़ा,ग़म
Read Moreजिनकी शबें अंधेरी हैं अंधकार की छाती पर, कोई एक दिया तो जला डाले। जिनके घर फाके पड़ते, कोई उनकी
Read Moreएक युग बीता एक युग आया युग आयेंगे जायेंगे … जो कर जाते काम सुनहरे युग-युग गाये जायेंगे… जी कर
Read Moreदीवाली पर आओ मिलकर, नन्हें दीप जलायें हम घर-आँगन को रंगोली से, मिलकर खूब सजायें हम आओ स्वच्छता के नारे
Read Moreसुबह से शाम तक सब पर बड़े एहसान करती है हमेशा अपने मायके का स्वयं गुणगान करती है बड़ी अच्छी
Read Moreश्वेत, धवल, उजले आंगन पर मैने, इक कलम कुछ स्याही लेकर, अन्तर्मन के अंतर्द्वंद की भावनाऐं उकेरी है, फिर भी
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