तीन मुक्तक
1 -ग़ज़ल कहता कोई इसको ,कोई इसे गीत कहता है कोई इसे गीतिका कहता, कोई इसे प्रीत कहता है ।
Read More1 -ग़ज़ल कहता कोई इसको ,कोई इसे गीत कहता है कोई इसे गीतिका कहता, कोई इसे प्रीत कहता है ।
Read Moreकिरणों से होने लगा, सिन्दूरी आकाश। तम का निश्चित जानिये, होना सकल विनाश॥ पंछी चहचाने लगे, कलरव है चहुँ ओर।
Read More(1) दर्द जब दिल में समेटा, ग़म हुआ. दिल बहुत आहत हुआ, बेदम हुआ. दर्द को जब गुनगुनाया गीत में,
Read Moreमैं तेरे इक इशारे को, नजर का तीर लिख दूंगा, तेरी बाहों के घेरे को, हसीं जंज़ीर लिख दूंगा, हमारी
Read More1) बेकरारी की तपन हमको जलाकर रख दिया । और हमसे ही हमें तुमने चुराकर रख दिया नींद भी आती
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