गाइए गणपति गुण गाइए भजन गौरी शंकर सुवन मनाइए (3)- गाइए गणपति गुण गाइए—- 1.गणपति सबके काज संवारें, गणपति सबके कष्ट निवारें- 2.गणपति सबके भाग्यविधाता, गणपति सिद्धिविनायक त्राता- 3.ऋद्धि-सिद्धि के गणपति स्वामी, घट-घट व्यापी अंतर्यामी- 4.श्रद्धा […]
भजन/भावगीत
अनुष्टुप छंद “गुरु पंचश्लोकी”
अनुष्टुप छंद “गुरु पंचश्लोकी” सद्गुरु-महिमा न्यारी, जग का भेद खोल दे। वाणी है इतनी प्यारी, कानों में रस घोल दे।। गुरु से प्राप्त की शिक्षा, संशय दूर भागते। पाये जो गुरु से दीक्षा, उसके भाग्य जागते।। गुरु-चरण को धोके, करो रोज उपासना। ध्यान में उनके खोकेेे, त्यागो समस्त वासना।। गुरु-द्रोही नहीं होना, गुरु आज्ञा न […]
गुरु पूनम की वेला है
गुरु पूनम की वेला है, लगा यहां आज मेला है 16.7.16 गुरु-आशीष पाने का, समां प्यारा सुहेला है- 1.गुरु ने है बताया, सभी को है सिखाया, प्रभु से पहचान कैसे हो वो कण-कण में समाया, जिसने चाहा है पाया, वो […]
समान सवैया “वन्दना”
सवाई छंद/समान सवैया/32 मात्रिक छंद “वन्दना” इतनी ईश दया दिखला कर, सुप्रभात जीवन का ला दो। अंधकारमय जीवन रातें, दूर गगन में प्रभु भटका दो।। पथ अनेक मेंरे कष्टों के , जिनमें यह मन भटका रहता। ज्ञान ज्योति के मैं अभाव में, तमस भरी रातों को सहता।। मेरे प्रज्ञा-पथ में भारी, ये कुबुद्धि पाषाण पड़े […]
भजन
राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण गा अपने मन में ध्यान लगा के राधे कृष्ण गा- 1.मन में राधे कृष्ण बसें तो मन-मंदिर बन जाय मन वृंदावन मन बरसाना मन गोकुल कहलाय राधे कृष्ण नौका से तू भवसागर तर जा अपने मन में ध्यान लगा के राधे कृष्ण गा- 2.कण-कण में जब […]
मुरलिया करत हिया में झंकार…
मुरलिया करत हिया में झंकार। अधर धरै जब कृष्ण कन्हैया बाजत दिल के तार। मुरलिया करत हिया में झंकार… खग दृग सुध बुध भूलै सारी तान धरै जब जब गिरधारी। गोप गोपियां सम्मोहित हो कहते बलिहारी बलिहारी॥ कोयल कूकै मोर नाचकर, करते हैं मनुहार…. मुरलिया करत हिया में झंकार… सुन मुरली की तान हुआ है […]
जीवन पल पल यूं ही बीत रहा, आडंबर छोडिये।
जीवन पल पल यूं ही बीत रहा, आडंबर छोडिये। यदि जाना है भवपार, प्रभो से नाता जोडिये॥ मन मोह माया में लीन हुआ, तन भोगवाद आधीन हुआ। अपना कर्तव्य भुला बैठा, जीवन का सार मलीन हुआ॥ भटकेगा जीवन पग पग, सच से मुख न मोडिये…. यदि जाना है भवपार, प्रभो से नाता जोडिये…… यह तेरा […]
तम को करो आलोक मां…
तम को करो आलोक मां, मन ज्ञान की ज्तोति करो। मां शारदे वाणी को अमृत, शब्दो को मोती करो॥ मन मूढ़ता के वास से मुक्ति दो, हमको शारदे। शब्दों के हम साधक बने, शक्ति दो हमको शारदे॥ जग का करे तम दूर मां, हृदय में वो ज्तोति भरो…… मां शारदे वाणी को अमृत, शब्दो को […]
भावगीत : तुम्हारा स्वागत है माँ तुम आओ
तुम्हारा स्वागत है माँ तुम आओ सिंह की सवार बनकर रंगों की फुहार बनकर पुष्पों की बहार बनकर सुहागन का श्रंगार बनकर तुम्हारा स्वागत है माँ तुम आओ खुशियाँ अपार बनकर रिश्तों में प्यार बनकर बच्चों का दुलार बनकर समाज में संस्कार बनकर तुम्हारा स्वागत है माँ तुम आओ रसोई में प्रसाद बनकर व्यापार में […]
मैय्या-भजन
मेरी प्रकाशित पुस्तक ‘श्री हरि-भजनामृत” से नवरात्रों के लिए मैय्या-भजन आई नवरातों की वेला मैय्या आ जाओ 6827/8.10.10 आके भक्तों को दरश दिखा जाओ-आई नवरातों की वेला———————— 1.तेरे नाम की खेतरी बीजी अब है तेरे हवाले खेतरी ही क्या […]