ग़ज़ल
सभी कर्म फल पीछे’ तकदीर पहले मिले बाद में दंड, तकसीर पहले | तबाही या’ संहार जग का करे कौन
Read Moreयह वक़्त नहीं है सिर्फ़ लोकडाउन का…. यह वक़्त है ख़ुद से ख़ुद को मिलने का रोज़ की भाग-दौड़ में
Read Moreमत डरो इस दुनियां से, बिन्दास चल दो……..। ज़िद करो, दुनियां बद लो, हालात बदल दो………। कर रहे हैं जो
Read Moreअतीत मतलब गुज़रा हुआ काल। सच.. कह रहा है मेरा मन, अतीत को अतीत में रहने दो, भूल गई मैं
Read Moreहो रहा अम्बर धरा का अनुपम मिलन है चुप रहो, सांझ सिन्दूरी का स्नेह अभिनन्दन है चुप रहो।। आलिंगन के
Read Moreडॉ. सदानंद पॉल की तथ्यों को प्रतिबिम्बित करती 10 कविताएँ….. 1. ●बाबूजी का थैला होश सँभालने से अबतक, थैले ढो
Read Moreपृथक् नहीं कोई रहे, सभी रहें संयुक्त जीवन भर हम सब रहे, कोरोना से मुक्त 1 कुछ ऐसा होवे जतन,
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