ग़ज़ल
कितने बदल गए यहाँ, हालात इन दिनों बिकने लगे बाज़ार में, जज़्बात इन दिनों। मासूम की निग़ाह में, सैलाब देखकर
Read Moreकुहरा करता है मनमानी। जाड़े पर छा गयी जवानी।। नभ में धुआँ-धुआँ सा छाया, शीतलता ने असर दिखाया, काँप रही
Read Moreकभी उलझ जाते हैं कभी सुलझ जाते हैं हमसफर संग चलते चलते कुछ रिश्ते बदल जाते हैं और उम्र ढलती जाती
Read Moreऐक झलक पाने को तरसे ,छिपे चाँद के जैसे ! गन्ध संदली कैसे भूलें , मधुवन को हम तरसे
Read Moreचलो आज मुखातिब होते हैं, बातें दो चार संजोते है, सब बातें कह दो तुम अपनी, हम अपनी पीड़ा धोते
Read Moreमुझे प्रभु तेरी बगिया में आना है तेरे फूलों से मन महकाना है- 1.इक फूल हो धीरज का दाता
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