खग मन
!!!!!!! खग मन !!!!!!! **************** चंचल यह खग मन कागज की कस्ती सी करता स्मृति में विचरण छल छल करती
Read Moreपिस गई अब भावनायें , हारता है प्यार दब गई इंसानियत ही , स्वार्थ में हर बार आज माँ बापू
Read Moreतुम जब से मिल गये हो, दिल में करार सा है। सब कुछ बदल गया है, हर और प्यार सा
Read Moreबीत गया ज़माना जब मिले थे कभी किसी रहगुज़र पे पर आज भी उस याद की कसक मेरे दिल पर
Read Moreफुरसत में जीवन नहीं, जीवन बहुत महान माया ममता मन धरी, जानत सकल जहान जानत सकल जहान, जन्म यह कर्म
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