अनसुलझी सुलझी
अनसुलझी और सुलझी दास्तानों का नाम है जिंदगी गिरना गिर के उठना इसी का नाम है जिंदगी चलना और रुकना
Read Moreअनसुलझी और सुलझी दास्तानों का नाम है जिंदगी गिरना गिर के उठना इसी का नाम है जिंदगी चलना और रुकना
Read Moreरिमझिम- रिमझिम आओ फूहारो, मीठे गीत सुनाओं फुहारो। प्यारी-प्यासी इस धरती पे। प्रेम का जल बरसाओं फूहारो।। रिमझिम – रिमझिम
Read Moreकवि मनु के दो कण आये, आज संशय की झोली में । दम तोड़ती कविता भरते, रिक्त ज्ञान की
Read Moreकाश! हम भी होते, किसी के लिए खास! कोई, हमारे लिए भी, करती अरदास। कोई, हमें भी, करती पसंद, डालती
Read Moreचेहरे को पढ़ लेते हैं, अंदर की नहीं जानते दरिया से वाकिफ हैं, समंदर की नहीं जानते करते हैं इबादत
Read Moreक्या देख रहे हो मुझे इतनी गौर से मैं गुजरा हूं वक़्त हूं जा रहा हूं कभी गुलज़ार था अपने
Read Moreजिनको हमने दोस्त बनाया , वही पीठ पर भोके खंजर। जिनको हमने अपना माना उनके हाथ खून से लता पथ।
Read Moreआसान कहाँ होता है, पुरुष बन जाना! कभी प्रेमी तो कभी पागल कभी, देवदास बन जाना! कोई रूठे तो बेसुरे
Read Moreहाँ, मैं मछली हूँ, तड़पता हूँ ज्ञान के लिए उस सत्संग के लिए जहाँ अविरल झरझर अंतरंग की धार हो
Read Moreसांध्य कालीन ध्यान में मन पहुंच गया आकाश में तारों के बीच फिर जाकर अटक गया ध्रुव तारे पे बचपन
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