यत्र तत्र सर्वत्र स्वच्छ
अंबर स्वच्छ अंतरिक्ष स्वच्छ, कल कल करती तटिनी स्वच्छ। वसुधा स्वच्छ वसुंधरा स्वच्छ उदधि का बहता नीर स्वच्छ। भूधर स्वच्छ
Read Moreअंबर स्वच्छ अंतरिक्ष स्वच्छ, कल कल करती तटिनी स्वच्छ। वसुधा स्वच्छ वसुंधरा स्वच्छ उदधि का बहता नीर स्वच्छ। भूधर स्वच्छ
Read Moreमुश्किल वक्त है और हैं मुश्किल हालात, जूझ रहे हैं आम नागरिक समझो जरा इनके जज्बात…. जब पूरा विश्व जंग
Read Moreमां तू है ममता की मूरत , तुझसे मिलती है मेरी सूरत । तेरे आंचल में बीता बचपन , तुझसे
Read Moreहोता है …हां होता है कई बार यूं भी अक्सर चाँद को कागज़ बना ख्यालों के ज़हन में उग आती
Read Moreकभी जुदाई लगती थी ज़हर अब फ़ासले ज़रूरी है जीने के लिए दर्द तो होता है दिल में मगर हैं
Read Moreचिरंजीवी शिवांश भक्तवत्सल भगवान आञ्जनेया महावीर महातपस्वी बलवान कपीश्वर महाकाय दैत्यकार्य विघातक रामदूत बजरंगी दशग्रीव कुलान्तक परविद्या परिहार सिंहिकाप्राण भंजन
Read Moreत्याग का पर्याय प्रतीक शौर्य का पुरुषों में उत्तम संहर्ता क्रौर्य का परहित प्रियता भ्राताओं में ज्येष्ठ कर्तव्य परायण नृप
Read Moreसंकट साहित्य पर है बड़ा ही घनघोर धूर्त बना प्रकाशक लेखक बना है चोर भूखे हिंदी के सेवक रचनाएं हैं
Read Moreहमने गरीब बन कर जन्म नहीं लिया था हां, अमीरी हमें विरासत में नहीं मिली थी हमारी क्षमताओं को परखने
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