अपनी कद्र करो
जनता कद्र करेगी जब तक नेता की, नेतागण यूँ ही जनता को लूटेंगे। प्रतिभाएँ सड़कों पर कुचली जाएँगी,
Read Moreजनता कद्र करेगी जब तक नेता की, नेतागण यूँ ही जनता को लूटेंगे। प्रतिभाएँ सड़कों पर कुचली जाएँगी,
Read Moreये जिंदगी चंद लम्हो की है यारो, आएगी मौत तो हाथ रहेगी खाली फिर काहे को हाय तौबा है यारो,
Read Moreउत्साही को खुशियां ढूँढे कायर को दुख के कण। जीवन की आपाधापी में समेट लो फुर्सत के क्षण। प्यार करो
Read Moreहे ! राम तुम कहाँ हो ? धरती के कण-कण में तुम परती के जन-मन में तुम क्षिति-जल-पावक में तुम
Read Moreतृण पर ओस-बूँद सी चमकती-छलकती जिंदगी सूर्य की ओजस्वी उष्मा से अस्तित्व बचाने को तड़पती लेकर चंचल चंद्र संजीवनी श्यामल
Read Moreबादल शंका के गूथे गये शंका के बादल विभिन्न विद्याओं से जिनकी मोटी परत के नीचे, दबा दिया गया विश्वास
Read Moreबदन में थोड़ी सी मिट्टी बचाए; उम्र के मधुमास को पीछे छोड़, टूटे घरौंदे के टुकड़े समेटे; तन के दीपक
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