प्रेम
ये तन्हाईयाँ ढूंढ ही लेती है तेरा पता छा जाता तू मेरे मन पे इसतरह सांसों की आहट में जिंदगी
Read Moreअमर हो गये राम और सीताजी बहुत प्यारे थे मेरे पिताजी बारिश बिना ये धरती हे प्यासी मेरे पिताजी का
Read Moreतुमने हल्के से मुस्कुरा कर मेरे दिल में दस्तक दी, रात कब तारों को अलबिदा कर दी, सहर में बदल
Read Moreहे मां शेरावाली अन्दर ऐसा प्रेम जगाओ जन जन का उपकार करूं, प्रज्ञा की किरण पुंज तुम हम तो निपट
Read Moreकल सपने में देखा-गुरुवर पत्नी सहित पधारे. “धन्यभाग्य हैं” कहकर हमने उनके पाँव पखारे. वे बोले-खुश रहे सदा तू बस
Read Moreन मैं जानता हूं, न मैं पहचानता हूं। फिर भी हर दिन,हर पल उसको ही सोचता हूं। आज नहीं तो
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