माता-पिता
माता पिता भी तो इंसान हैं हमारे सपनों को पूरा करने के लिए न जाने अपने कितने अरमानों को अधूरें
Read Moreबदलते वक्त के साथ जैसे हर चीज़ में परिवर्तन आता रहा है वैसे हम भी बदल रहे है, और देश
Read Moreराष्ट्रवाद राष्ट्र के प्रति निष्ठा , उसकी प्रगति और उसके प्रति सभी नियमों व आदर्शों को बनाए रखने का सिद्धांत
Read Moreलो आज फिर एक नया सवाल लिये कलम को चला बैठी,नहीं रोक पाती अपनी संवेदनाओं को जब कोई अप्रिय,घिनौनी घटना
Read More“चौराहे की बतकही” झिनकू भैया अपने गाँव के एक मध्यम किसान हैं, अच्छी खेती करते हैं, प्रति वर्ष करीब चार
Read Moreज़िंदगी का रस है बेहद मीठा पी लो जल्दी-जल्दी, समय कम है और उम्र की सुराही लबालब है, छलकने से
Read Moreकुछ बोलियाँ ऐसी है,जिनके बोलने वाले कुछ लोग अक्सर बोली मे अपशब्दों का प्रयोग तकिया कलाम के रूप मे करते
Read Moreइंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन द्वारा 2018 में प्रकाशित एक रिपोर्ट से पता चलता है कि, वैश्विक स्तर पर, महिलाएं घरेलू देखभाल
Read Moreजीवन मे मुझे कुछ शब्दों से काफी नाराज़गी मिली जो कभी पूरा हुआ ही नही भले उसे किसी तरह उपयोग
Read Moreप्राचीन भारत मे महिलाओ के स्थान समाज मे काफ़ी महत्वपूर्ण था |महिलाएं भी पुरुषो के साथ यज्ञ मे भाग लेती
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