हास्य व्यंग्य

हास्य व्यंग्य

विक्रम, बिलखता बेताल और भारतीयों के पितरों की अतृप्त आत्माओं तथा चराचर जगत का गगनभेदी रुदन

तीन दिन पूर्व की, इसी अमावस की बात है, सम्राट विक्रमादित्य रात बारह बजे अपने आराध्य भगवान महाकाल के मन्दिर

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