हिंदी मेरी भाषा
हिंदी मेरी मातृभाषा , हिंदी मेरी जान ! हिंदी के हम कर्मयोगी , हिंदी मेरी पहचान , हिंदी मेरी जन्मभूमि
Read Moreहिंदी मेरी मातृभाषा , हिंदी मेरी जान ! हिंदी के हम कर्मयोगी , हिंदी मेरी पहचान , हिंदी मेरी जन्मभूमि
Read Moreजिंदगी जैसे है एक पहेली, कैसे सुलझेगी ऐ सहेली। वीरान पड़े हैं सब रास्ते, खड़े हैं किसके वास्ते। तकदीर तुली
Read Moreयह सर्वमान्य तथ्य है कि यदि हमें अपनी भाषाओं का प्रचार – प्रसार करना है तो भाषा के साथ-साथ इनकी
Read Moreमंजिलों की ख्वाईश में अक्सर कदम डगमगा जाते हैं फिसल जाते हैं रास्ते हाथों में सिर्फ टुकड़े नजर आते हैं
Read Moreजश्न-ए-मसर्रत औ’ आँखों में नमी है। तेरी कमी आखिर तेरी ही कमी है।। मुस्कुराहट है लेकिन ज़रा फीकी। इतना होना
Read Moreबरगद और बुजुर्ग को मानता अब कौन है? वक्त के चक्र को भला जानता कब कौन है? अहमियत इन दोनों
Read Moreहिन्दी भारत की मातृभाषा हैं।यह सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषाओ में से एक हैं।एक ऐसी भाषा जिसे हम जैसे
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