हाइकु
1 खिलते पुष्प, सुगंध चहुँ दिस, मन में हूक़ । 2 याद पिया की, लगी है फिर आने, बरसों बाद
Read Moreसाहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली के अखिल भारतीय बोली विकास मंच द्वारा मासिक ऑनलाइन कवि सम्मेलन करवाया गया। अखिल भारतीय
Read Moreरात के बारह बज चुके थे ,नींद का नामोनिशान नहीं था । ओह; कहने को तो भरा पूरा परिवार है
Read Moreइसे आप कथा कहें, लघुकथा, आत्मकथा अथवा संस्मरण, हमारे लिए यह इंकार की रामकहानी है. ”ममी, आप इतने बरसों से
Read Moreमंहगाई तो टीस है ,नही इसका उपचार बढ़ा के कीमत ये कहें,हम नही जिम्मेदार हरदिन ड़रे वो भूख से,चिन्ता बढ़ी
Read Moreबहुत हुआ श्रंगार आज तलवार लिखूँगा खन खन करते तेगों की आवाज़ लिखूँगा बहुत हुआ लैला-मज़नू को पढ़ते पढ़ते आज
Read More“रमा बहन,आजकल आप दिखाई नहीं देतीं, कहां व्यस्त रहती हैं ?” “अरे उमा बहन ,बात यह है कि मेरी बेटी
Read Moreप्रसिद्ध है कि हमारे देश का संविधान सबसे बड़ा है। कुछ समय से देखने में आ रहा है कि हमारा
Read Moreलगता था जैसे ज़िन्दगी में बस मायूसी है, तुमने मुझ जैसे अनाथ को जबसे अपना लिया, मानो जैसे मैंने जन्नत
Read Moreनरेगा यानी कि मनरेगा ! भारत सरकार की वह योजना, जिससे गरीबों का भला होने वाला था, परन्तु भला हो
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