मेरे दिल के तार तुमसे
मिरे दिल के तार तुमसे जुड़ गये न जाने कैसे | सुनो प्रेम प्रेम तुमसे हो गया न जाने कैसे
Read Moreमिरे दिल के तार तुमसे जुड़ गये न जाने कैसे | सुनो प्रेम प्रेम तुमसे हो गया न जाने कैसे
Read Moreहम ग़जल अपने लिए कम ही लिखे ग़म से यारी हो गयी ग़म ही लिखे। ये किसी शायर की मजबूरी
Read Moreआजकल रखना ज़रूरी है नज़र हालात पर क्या पता की रूठ जाए कौन कब किस बात पर की बहुत बातें
Read Moreये नहीं सच कि मुझे उससे मुहब्बत कम थी उसकी नज़रों में वफ़ाओं की ही क़ीमत कम थी टूटकर बाग़
Read Moreरिश्तों के पुल टूट गये हैं. तट ने कितने जख़्म सहे हैं. उसका सच भी झूठा लगता, उसने इतने
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