ग़ज़ल (26 जनवरी)
ग़ज़ल (जनवरी के मास की) 2122 2122 2122 212 जनवरी के मास की छब्बीस तारिख आज है, आज दिन भारत
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Read Moreहर व्यक्ति सफल होना चाहता है, शिखर चाहता है, परन्तु विवेक का प्रयोग नहीं करता . जीवन को सफल बनाने
Read Moreदोस्त बस दो चार मिलेगें, दुश्मन कई हज़ार मिलेेगें! भूलना चाहा हरदम जिन्हे, हर मोड पर हरबार मिलेगें! आंख, मुंह
Read Moreलेखक:-पंकज प्रखर गणतन्त्र दिवस यानी की पूर्ण स्वराज्य दिवस ये केवल एक दिन याद की जाने वाली देश भक्ति नही
Read Moreरिक्शा नवा उई लै लेती (अवधी) बप्पा बहुत बनाईन है, लरिका खूब चलाईन है। चच्चू लैइकै भागि लिहिन, गड्ढाम खूब
Read Moreएक दिन मुझे एक स्कूल में जाने का अवसर मिला। नवीं-दसवीं कक्षा के कुछ विद्यार्थी ब्रेक में बैठे हुए थे।
Read Moreआज हर्षद भाई बहुत खुश थे । अपने बचपन के मित्र सोमा भाई की बेटी रिंकी को उन्होंने अपने बेटे
Read Moreमेरे देश की माटी सोना, सोने का कोई काम ना, जागो भैया भारतवासी, मेरी है ये कामना। दिन तो दिन
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