जंगल की आग
एक दिन आग लगी जंगल में, भगदड़ मच गई यारों। कोई यहाँ कोई वहाँ था भागा, आफत आ गई प्यारों।
Read Moreएक दिन आग लगी जंगल में, भगदड़ मच गई यारों। कोई यहाँ कोई वहाँ था भागा, आफत आ गई प्यारों।
Read Moreअनियंत्रित भावनाएं विचरती हैं अपने वेग में, कितना भी रोको कितना भी टोको ये अपने ही धुन में, बंदिशों को
Read Moreसिमटती है मेरी हथेली तेरी हथेली में, अनेकों एहसास उन थोड़े पलों में हो जाते हैं प्रवाहमान, बस इतनी सी ख्वाहिश
Read Moreकहीं कुछ चटका शायद दिल का शीशा देखा जब कचड़ा बिनते बचपन। कहीं कुछ टूटा शायद मन का तार पाया
Read Moreअभी-अभी विन्नी के मोबाइल पर उसके ऑफिस से मैसेज आया था- ”मुबारक हो, 27वीं कंपनी भी अब आपकी देखरेख में
Read More“दी! दीदी! सामने देखिए वह वही हैं न , जिन्हें समाज की दुनिया में लाने के लिए हम इनके आशियाने
Read Moreहरदम मत चुप रहना सीखो. वक़्त-ज़रूरत कहना सीखो. धारा का आनन्द मिलेगा, पर उसके सँग बहना सीखो. कैसे भी कपड़े
Read Moreचले मेला आओ भालू भाई पहनो सूट, बूट और टाई देखो बाहर शीत लहर है ठण्डी हवा चारो पहर है
Read Moreगुरु अगर न होते तो जग में राहें चुनना मुश्किल था गुरु न होते तो अर्जुन का अर्जुन बनना मुश्किल
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