हम सिर्फ तेरे
नंदिनी बहुत लापरवाह हो तुम।क्यों ऐसा करती हो? तुम लापरवाह हो या तुम्हारे घर वाले, मुझे कुछ समझ नहीं आता।
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Read Moreउस दिन हीरालाल ने आशा को गोद में क्या उठाया, लगा उसने पारसनाथ पहाड़ को ही उठा लिया है और
Read Moreदिन महीने साल देखते -देखते बीत गए। नीलिमा ने ग्रैजुएशन की पढ़ाई भी पूरी कर ली। मध्यम वर्गीय परिवार में
Read Moreइलेक्शन ड्यूटी का हौव्वा जिस प्रकार अस्पताल और अदालत एक आम आदमी कभी अपने शौक से नहीं, बल्कि मजबूरी में
Read Moreबनी बनाई चीजों को तोड़ना और फिर जोड़ के देखना, छोटे भाई के खिलौने को लेकर दूर भाग जाना, कभी
Read Moreजूते बाहर निकालकर मनीष अंदर आ गए। डाक्यूमेंट्स की फाइल मेज पर फेंककर पंखा ऑन किया। आषाढ़ की
Read Moreगोलू, भोलू और सोनू तीनों को नौकरी मिली तो पूरे गांव ने राहत की सांस ली। उस दिन सबने मंदिर
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