मेरे अल्फ़ाज़
आज मेरे अल्फ़ाज़ मुझसे खफा हो गए । खिड़की के रास्ते दफा हो गए । कितने मासूम लगते मुंह के
Read Moreआज मेरे अल्फ़ाज़ मुझसे खफा हो गए । खिड़की के रास्ते दफा हो गए । कितने मासूम लगते मुंह के
Read Moreद्वारे को दीप भी देहरी उदास। तेरे आगमन की आंगन को आस। आओगे हे दिल में आस। बांट लोगे दुःख
Read Moreवो युवा से खुद की तकदीर लिये खुले मंच पर चढ़कर बोले, जिता दो भईया हमको बदल देगें रूख हवा
Read Moreहजारो मन में ख्वाइश और अरमान दबा लेती है, हल्की -हल्की झुर्रियों को मेकअप से छुपा लेती है, लोग क्या
Read Moreटकटक की आवाज ले, चलती सूई तीन मानों कहती सुन सखा, समय हुआ कब दीन समय हुआ कब दीन, रात
Read Moreरोशनी है हर तरफ मगर दिखता कुछ भी नही। चल रहा हूँ बहुत तेज मगर मंजिल कहाँ पता नही।। जाने
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