दो लोककथायें
खासी लोककथा (मेघालय ) कुत्ता और मनुष्य के साथ रहने की कथा प्राचीनकाल में सभी प्राणी एक साथ रहते थे
Read Moreखासी लोककथा (मेघालय ) कुत्ता और मनुष्य के साथ रहने की कथा प्राचीनकाल में सभी प्राणी एक साथ रहते थे
Read Moreसर्दियों की गुनगुनी धूप की सुहानी वेला थी. रोज़ की तरह रमा आज भी अपने स्वीमिंग पूल के किनारे रखी
Read Moreआफिस में बैठा, मैं देश के प्रतिष्ठित सरकारी इंजिनियरिंग कालेज में शिक्षक पद पर हुआ मेरा नियुक्ति पत्र पढ ही
Read More“अरे मम्मीजी आपको कुछ चाहिए था तो मुझे आवाज दे देंती, डाक्टर ने आपको आराम करने को बोला है,चलिये आप
Read Moreहिंदी साहित्य डेढ़ सौ रूपये किलो का बैनर देख एक व्यक्ति दुकानदार से बोला “परशुराम जी की किताब मिलेगी क्या
Read More“नये साल की वह पहली सुबह जैसे बर्फानीा पानी में नहा कर आई थी ।10 बज चुके थे पर सूर्यदेव
Read Moreआखिरकार अंतिम बस भी निकल गयी लेकिन राज नही आया। जाने कितनी देर से वह उसकी प्रतीक्षा कर रही थी।
Read Moreसंयोगवश शहर में एक ही दिन जालिम सिंह व धर्मचंद की मृत्यु हो गई । जालिम सिंह एक नम्बर का
Read Moreगहरी ख़ामोशी के साये में वह जीने लगी थी ! क्या अपराध किया था उसने ? ऐसा क्यों हुआ उसके साथ
Read More“बाबा, मेरे बच्चे कैसे हैं ?” “…………. ” ” बोलो बाबा ! हर बार मेरी कही अनसुनी कर देते हो
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