गीत- तुम पर तन मन हारा है
जीवन का रंगरास तुम्हीं से , तुम पर तन मन हारा है । सरल, सजल हृदय पर तेरे न्यौछावर जग
Read Moreजीवन का रंगरास तुम्हीं से , तुम पर तन मन हारा है । सरल, सजल हृदय पर तेरे न्यौछावर जग
Read Moreबहुत दूर मुझ से बसी हो विरागिन, मिलन अब हमारा तुम्हारा न होगा। किसी दिन तुम्हीं रुप सी बन खडी़
Read Moreदो गीत 1.लगता है मधुऋतु आई है जब हरी-हरी हो वसुंधरा, अंबर सज्ज्न-मन-सम निर्मल, जब बहे बयार बसंती जब, लगता
Read Moreनहीं है नहीं…, नहीं है नहीं…! मेरा सौभाग्य जयन्ती नहीं…, मेरा सौभाग्य जयन्ती नहीं..!! पुरखोंं का सम्पति नहीं…! मैं स्वयं
Read More“कुछ कोशिश अब भी बाकी है” कुछ घाव पुराने बाकी हैं, कुछ जख्म पुराने बाकी हैं। हासिल करना है मंजिल
Read Moreक्यों खोजे महल दुमहले तू, क्या जाने कब तक डेरा है। इस आनी जानी दुनिया में, है जितना भी बहुतेरा
Read Moreअधरों को अपने खोल ज़रा। मन के दर्पण कुछ बोल ज़रा। चुप्पी ज्यादा बढ़ जाए न, ज़िद्द के ताले जड़
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