मुक्तक
उबलते जज्बात पर चुप्पी ख़ामोशी नहीं होती गमों के जड़ता से सराबोर मदहोशी नहीं होती तन के दुःख प्रारब्ध मान
Read Moreमिटाने अँधेरा चला दीप जैसे, निशा खिलखिलाती बताते रहे हम । कहाँ का अँधेरा मिटाने चला तू, सदा रोशनी दिल
Read Moreये वक़्त भी गुजर गया बातोँ बातोँ मेँ,,,,,,,,, दुरियाँ बदल न सकी मुलाकातो मेँ,,,,,,,,, बिजलियोँ को छूने की तमन्ना सी
Read More1 – आभासी संसार की खूबसूरत गली -गली एक जगह न दाल गली, दूजी भली -भली बिन लागत दूकान खोल,
Read More(1)प्रेम रहा नहि प्रेम अब,प्रेम बना व्यापार |प्रेम अगर वह प्रेम हो,प्रेम करे भवपार ||(2)प्रेम संग पेशा मिला,हुआ बाद फिर
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