ना
तुम्हारे ना पीछे जरूरर कोई राज होगा तुम इकरार न कर लो इसी लिए इंकार होगा में तो शहीद हो
Read Moreरंगों के सँग खेलती, एक नवल- सी आस। मन में पलने लग गया, फिर नेहिल विश्वास।। लगे गुलाबी ठंड पर,
Read Moreनीर लिए आशा सदा, नीर लिए विश्वास। जल से सांसें चल रही, देवों का आभास।। अमृत जैसा है “शरद”, कहते
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