मन
काश ये मन न होता तो तेरा ख्याल भी न होता कितना रोकती हूँ इसे फिरभी तेरी ओर चला जाता
Read Moreबादल बना है फिर सवाली आसमाँ क्यों खाली-खाली किसने लूटा है गुलिस्तां को बिखरा हुआ है डाली-डाली किस-किस से करे
Read Moreराम मन्दिर मन को बना लो सब फसाद मिट जाएंगे काम क्रोध मद लोभ ये विकार छोड़ दो मन मन्दिर
Read Moreभेड़िये… सिर्फ जंगलों में ही नहीं होते ।। कहीं पहने हुए, इन्सान की खाल । और कहीं.. ओड़ इन्सानियत का
Read More