गज़ल लिख रहा हूं
हसीनों एक ताज़ा गज़ल लिख रहा हूं। फूलो की वादियों को तेरा आंचल लिख रहा हूं। पढ़ें न पढ़ें फैसला
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Read More” दामिनी-एक प्रयत्न” दमकता हुआ वह चेहरा छरहरी काया, कर साज श्रृंगार, आई होली का चंदा लेने एकदिन ‘दामिनी’ मेरे
Read Moreमुस्कानों के फूल खिलाओ, महकेगा जग सारा, जिधर चलोगे, उधर सजेगा, गुलशन प्यारा-न्यारा. कुदरत का वरदान है मुस्कान, अधरों की
Read Moreगुरू तुम्हारे प्यार का उपकार मैं कैसे चुकाऊँ | ज्ञान के अनमोल धन का मोल मैं कैसे चुकाऊँ | गुरु
Read Moreसत्य और अहिंसा का दूसरा नाम था बापू …….. शरीर से दुबले – पतले लेकिन आत्मा के महान थे बापू
Read Moreजो हैं कोमल-सरल उनको मेरा नमन। जो घमण्डी हैं उनका ही होता पतन।। कुछ भी दुर्लभ नहीं आदमी के लिए,
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