आज मनुष्य की प्रकृति के आगे अंतिम हार हुई…!!
बारिश ने कल काल का अविचल रूप बनाया था, कृषकों के कंदुक स्वप्नों को बीती रात बहाया था, रीति गागर,
Read Moreबारिश ने कल काल का अविचल रूप बनाया था, कृषकों के कंदुक स्वप्नों को बीती रात बहाया था, रीति गागर,
Read Moreप्यार राम में है प्यारा अल्लाह लगे, प्यार के सूर तुलसी ने किस्से लिखे प्यार बिन जीना दुनिया में
Read Moreतुम मेरे हो और मेरे ही रहोगे। हमें छोड़ कर आखिर कहाँ जाओगे। मैं आश लगाये बैठीं हूँ, कब मेरे
Read Moreमै चुप हो जाता हूँ तुम सून हो जाती हो मै गीत गाता हूँ तुम मीठी धुन हो जाती हो
Read Moreरात के अंधेरे में, नींद का पहरा, मुझ पर होता है। तब स्वप्न, मुझे जगाता है । कर लेता है मुझे,
Read Moreतुम हो अजनबी मिला नहीं हूँ तुमसे कभी फिर भी लगाव सा हो गया है यही तो है जिंदगी पसंद
Read Moreकूद रहा हूँ , गिर न पडूँ मैं , मुझे पकड़ना पापाजी ऊपर से मैं कूद रहा हूँ मुझे
Read Moreसंध्या का समय , दूर क्षितिज में सूर्य अस्त हो रहा था, धरती पर धीरे धीरे अंधकार पसर रहा था,
Read Moreमैं जली नहीं जलाई गई, तेजाब से… बड़ी हैवानियत से मासूमियत पर फेंकी गई कुछ बूंदे… मैं भी पहले सुंदर
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