सायली छंद
प्रेम की बूँटी ********** हमेशा तैयार रहो प्रेम की बूँटी सूँघने को प्रसन्नता। ***** मैं इंतज़ार करता प्रेम का पान
Read Moreदिन गुजर रहे बड़े मायूस मन डरा डरा न जाने किसकी खबर मिले छोड़ गया साथ अपना दुःख तो है
Read Moreलोग मर रहे हैं सांस-सांस के लिए तड़प रहे हैं चहुंओर भयावह मंजर है । जरा एक नजर तो घुमाओ
Read Moreहमारा समाज आज भी पुरुष प्रधान है हेकड़ी दिखाना अब भी मर्दों की शान काबलियत से आगे बढ़ती है जब
Read Moreका होवत ह इससे, भक्क बुड़बक ! अरे हो शिक्षा के दुर्योधन भैया, ये सब मस्टरवा व मस्टरनी क सम्मान
Read Moreबैंगन, आलू, मूली, टमाटर, धनिया पत्ता से बना ‘घटरा’ सब्जी और सत्तू भरवा लिट्टी आज घर में बन रहा है
Read Moreये कैसी लाचारी है जो जीना चाहते हैं वे भी लाचार हैं क्योंकि उनकी भी मजबूरियां हैं, वे भी डरते
Read More‘माँ’ एक शब्द ही नहीं भाव है समर्पण, त्याग ,और बलिदान का इसमें समायी है दुनिया की वह शक्ति जिसने
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