कब बदलोगे भाई
सुबह-सुबह उंघ रहे थे एक आवाज कानों से टकराई। कितना सोते हो आजकल देखो कितनी धूप निकल आई। कुछ फिक्र
Read Moreसुबह-सुबह उंघ रहे थे एक आवाज कानों से टकराई। कितना सोते हो आजकल देखो कितनी धूप निकल आई। कुछ फिक्र
Read Moreहिंदुस्तान मजे मे है क्या हुआ यदि देश मे अस्थिरता है , है क्या हुआ यदि देश मे अराजकता है,
Read Moreतुम्हारा मुझे एक टक निहारना मुझें बहुत याद आता है , तुम्हारा दुपट्टे में मुँह छिपा कर मुस्कुराना , मुझें
Read Moreहमारे क्षेत्र में ऐसे भी लोग हैं, जिसे दबंगीयत, अहंकार और रुपये की गर्मी है और इसी गर्मी से उन्होंने
Read Moreजीवन में कभी थक जाओ हार जाओ, तो चुपचाप बैठ जाना । लोग बोलते हैं तो बोलते देना, लोग सोचते
Read Moreसोलह कलाओं से युक्त चन्द्रमा जब आकाश में आता धरती अम्बर बिखरती चांदनी पर्व शरदपूर्णिमा कहाता। चन्द्र की चंचलता चारों
Read Moreये दुनियाँ रिश्तों का मेला है, इन रिश्तों में भी खूब झमेला है। बनते बिगड़ते रिश्तों में फूल भी हैं
Read Moreप्रस्तुत है लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर लौह पुरुष बनकर साहस से जीने की प्रेरणा देती
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