पुतले,पुतले
पुतले,पुतले चहूँ ओर पुतले निर्जीव की भेष में सजीव के भेष में लेकिन दोनों कहलाते पुतले करते कार्य अजीबोग़रीब निर्जीव
Read Moreपुतले,पुतले चहूँ ओर पुतले निर्जीव की भेष में सजीव के भेष में लेकिन दोनों कहलाते पुतले करते कार्य अजीबोग़रीब निर्जीव
Read Moreअप्रत्यक्ष रूप से सहयोग के नाम पर कहते हैं लोग- पैसा दीजिएगा रचना को जगह मिलेगी नहीं दीजिएगा प्रकाशित नहीं
Read Moreविकल भई, जल तरसी, यह बगिया, मधुबन की। नयन तके, नभ गगरी, जल यमुना, गिरिधर की।। सुन सजना, घर अँगना,
Read Moreकभी कभी मन करता है कांग्रेस में शामिल हो जाऊ ऐश करू खूब मौज करू राहुल भैया को सहलाऊ मोदी
Read Moreएक दरवाजा बंद हो जाए तुम्हारी कामयाबी का और खिड़की भी न खुले कोई तो यूँ ही कैद न रहो
Read Moreअक्सर … ट्रैफिक सिग्नल पर ख्वाब बेचते, ठण्ड में जमे से… अलाव सेंकते! जूठन से कहीं हैं भूख मिटाते, फुटपाथ
Read Moreशाख से टूटे कुछ पत्ते कुछ मुरझाये ,कुछ सूखे कुछ मिटटी में सने हुवे मुस्काती कलियों को देख रहे थे
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