पुस्तक समीक्षा

एहसासों की निर्मल धारा:’एहसास कभी मिटा नहीं करते’

कविता लिखना अर्थात संवेदनशील सूक्ष्म दृष्टि से भावों को आत्मसात करके उन्हें अभिव्यक्त करना। अनेक भावनाओं का आत्म-अवलोकन करके उन्हें

Read More
राजनीति

बाबा साहेब की विरासत पर सत्ता की सियासत, जयंती या सत्ता का स्वार्थी तमाशा?

बाबा साहब के विचारों—जैसे सामाजिक न्याय, जातिवाद का उन्मूलन, दलित-पिछड़ों को सत्ता में हिस्सेदारी, और संविधान की गरिमा की रक्षा—को

Read More
शिक्षा एवं व्यवसाय

सरकारी स्कूलों को बन्द करने की बजाय उनका रुतबा बढ़ाये। 

भारत में सरकारी स्कूल सामाजिक समानता और शिक्षा के अधिकार के प्रतीक हैं, लेकिन बजट कटौती, ढांचागत कमी और शिक्षकों

Read More