स्वयं की कर पहचान
आत्मा की है सम्पत्ति,दर्शन, चरित्र और ज्ञान,अपने अन्दर झांक कर,स्वयं की कर पहचान।स्वयं की कर पहचान,कि कैसे भूल गया है,सत्पथ
Read Moreआत्मा की है सम्पत्ति,दर्शन, चरित्र और ज्ञान,अपने अन्दर झांक कर,स्वयं की कर पहचान।स्वयं की कर पहचान,कि कैसे भूल गया है,सत्पथ
Read Moreशशि से शीतलता मृदुलता फूलों से ले केरब ने धरा को नारी तन से सजाया हैतेरी क्षमता ने धीर-वीर बलवीर
Read Moreअपने को पहले बदल, बदलेगा संसार,अपनी ऊर्जा को बढ़ा,परखो सार-आसार 1परखो सार-आसार,मधुर जीवन हो जाये,सभी जगह हो शांति,जहाँ भी दृष्टि
Read Moreगली,हर मोड़, नुक्कड़ पर,शहीदों की निशानी हो। हमारे गीत, ग़ज़लों में, शहीदों की कहानी हो। भगत सुखदेव किस्सा हैं, शहादत
Read Moreहोली में कवि धीर जी, लाए भर के रंग,सब मित्रों को दे रहे,खुशियों भरी उमंग ,खुशियों भरी उमंग,सभी में खुशियाँ
Read Moreप्राप्त हो वरदहस्त,मठाधीशों का जिन्हें भी,ऐसे चाटुकार यहाँ ,मंच चढ़ जाते हैं।करके छिछोरापन,सुना-सुना चुटकुले,कविता को पीछे छोड़, आगे बढ़ जाते
Read Moreतन पर शोभित था सदा,जिनके भगवा रंग।उनकी वाणी सुन सभी ,हो जाते थे दंग।हो जाते थे दंग , देख कर
Read Moreअपना भारत देश है,दुनिया में सिरमौर।बात न मानो और की,देखो करके गौर।देखो करके गौर,लोग हैं गजब निराले।दे देते हैं जान
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