ग़ज़ल : मुहब्बत में मिटकर फना हो गया हूँ .
नजर फ़ेर ली है खफ़ा हो गया हूँ बिछुड़ कर किसी से जुदा हो गया हूँ मैं किससे करूँ बेवफाई
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Read Moreये रिश्ते काँच से नाजुक जरा सी चोट पर टूटे बिना रिश्तों के क्या जीवन, रिश्तों को संभालो तुम जिसे
Read Moreआँख से अब नहीं दिख रहा है जहाँ, आज क्या हो रहा है मेरे संग यहाँ माँ का रोना नहीं
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