खुशियां हुईं बहाल
किया भरोसा जब कभी ,टूटी सारी आस,रूठ गई फिर जिंदगी,देख मौत को पास। –दीप जले जब आस के ,खुशियां हुईं
Read Moreकिया भरोसा जब कभी ,टूटी सारी आस,रूठ गई फिर जिंदगी,देख मौत को पास। –दीप जले जब आस के ,खुशियां हुईं
Read Moreबिगड़ा है पर्यावरण,बढ़ता जाता ताप । ज़हरीली सारी हवा,कैसा यह अभिशाप ।। पेटरोल,डीजल खपें,बिजली जलती ख़ूब । हरियाली नित रो
Read More(1) भारत माँ का लाल हूँ,दे सकता हूँ जान। गाता हूँ मन-प्राण से,मैं इसका यशगान। आर्यभूमि जगमग धरा,बाँट रही उजियार,
Read Moreहृदय की धड़कनों में तुम मेरी हर सांस हो जाओ, जेठ की तुम दुपहरी में, सावनी आस हो जाओ, मनु
Read Moreहे काल-चक्र-प्रसूत नव वर्ष , संवत्सर अभ्यागत काल-खंड के नव सूत्र-धर प्रारब्ध के संकेत, भवितव्यता विचार स्वागत करें दूरस्थ हो,
Read Moreहर कोई असहाय लग रहा,विपदा की वेला आई ।मनुसृष्टि पर कहर ढा रही ,क्रूर काल की अँगड़ाई ।खुद की करो
Read Moreनारी सच में धैर्य है,लिये त्याग का सार ! प्रेम-नेह का दीप ले, हर लेती अँधियार !! पीड़ा,ग़म में भी
Read More(1) है दुनिया में जो व्यापक ज्ञान और अध्यात्म की वाहक सदा जो पथ दिखाती है,बनाती नर को जो लायक
Read Moreबसन्त (दोहे) मधु ऋतु ने दस्तक करी ,दशों दिशा हुलसाय | अमराई बौरों भरी , गली गली महकाय || हरे
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