मुक्तक/दोहा

मुक्तक/दोहा

दोहे – संवेदना एक वरदान

जीवन में संवेदना,लाती है मधुमास। अपनाकर संवेदना,मानव बनता ख़ास।। संवेदित आचार तो,है करुणा का रूप।। जिससे खिलती चाँदनी,बिखरे उजली धूप।।

Read More