कविता : बेटी बीमार है !
बीमार है छः साल की बेटी अब नहीं कर रही है वह बातें पहले जैसी शरीर का तापमान सामान्य से
Read Moreबीमार है छः साल की बेटी अब नहीं कर रही है वह बातें पहले जैसी शरीर का तापमान सामान्य से
Read Moreहां, भरती हूं मांग में सिन्दूर, पहनती हूं कंगन, पाज़ेब लगाती हूं बिंदी । मैं सजती हूं, संवरती हूं यह
Read Moreरोता नहीं है कोई भी किसी और के लिए सब अपनी अपनी किस्मत को ले लेकर खूब रोते हैं प्यार
Read Moreकरते करते बात तुम्हारी ढल आई आधी रात है, दिल कहता है सो जा पगले , अब ये भी भला
Read Moreक्यों आज तेरी यादों के घनघोर बादल छा गए क्यों आज महफ़िल में तेरी पंछी वो पागल आ गए जो
Read Moreअब बीत गयी वो बात बहुत , अब बीत गयी वो रात बहुत , के जब ख्वाबों की दुनिया में
Read Moreकभी जो दिल से आकर के पूछो कि क्या मामला है ये क्या मामला है, दिखा के आइना वो तुमसे
Read Moreऔर कितना कर गिरेगा ये आदमी गिरावट के चरम पर खड़ा ये आदमी दूसरों के दर्द मे बहुत मुस्कुराता है
Read More