ताड़ी का मुख्य मौसम दिसंबर से मई तक होता है। फरवरी से मार्च तक आने वाली ताड़ी को वांझिया ताड़ी तथा अप्रैल से मई तक मिलने वाली को फलनियां ताड़ी कहा जाता है। इसके अलावा अन्य महीनों में भी ताड़ी आती है, लेकिन उसमें वह बात नहीं होती। जून से अगस्त तक स्वाद व सेहत […]
पर्यावरण
घायल पक्षी की सहायता पक्षी सेवा के प्रति मानवीय दृष्टिकोण
आँवला नवमी के दिन सुबह मेरा पुत्र घूमने गया।रास्ते मे काबर पक्षी गिरा हुआ मिला शायद उसे बिजली के तारों से उसे करंट लगा हो या और कोई कारण रहा हो।काबर पक्षी अक्सर जोड़े में ही रहते है।उसी के समीप उसका साथी कलरव कर रहाथा।ऐसा लग रहा था वो उसे बचाने की गुहार कर रहा […]
कहर बरपाता विदा होता मानसून
बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने कम दबाव के क्षेत्र और पश्चिमी विक्षोभ के कारण देश के कई राज्यों में इस समय भारी बारिश का दौर जारी है, जिससे अनेक स्थानों पर जनजीवन अस्त-व्यस्त है और विदा होता मानसून कुछ स्थानों पर तबाही भी मचा रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि यह दौर […]
जल ही जीवन है, जल का संचय करें
यह निर्विवाद सत्य है कि सभी जीवित प्राणियों की उत्पत्ति जल में हुई है. वैज्ञानिक अब पृथ्वी के अतिरिक्त अन्य ग्रहों पर पहले पानी की खोज को प्राथमिकता देते हैं. पानी के बिना जीवन जीवित ही नहीं रहेगा. इसी कारणवश अधिकांश संस्कृतियां नदी के पानी के किनारे विकसित हुई हैं … इस प्रकार जल ही […]
गौवंश पर प्रकोप “लम्पि वायरस”
कोरोना त्रासदी के बादअब एक बार पुनः जनजीवन को प्रभावित करने वाला एक वायरस भारत के कई राज्यों में हाहाकार का कारण बना हुआ है। यह वायरस “लम्पि वायरस” के नाम से जाना जाता है और दुधारू पशुओं में संक्रमण व उनकी मृत्यु का कारण बन रहा है। खासकर गोवंश इससे बहुत अधिक प्रभावित है […]
सावधान दक्ष, एक दिन बोलेंगे वृक्ष
मैं हूँ वृक्ष. मैं वनस्पतियों के प्रतिनिधि के रूप में अपने छोटे भाई मनुष्य के हितार्थ अपनी आत्मकथा लिख रहा हूँ, इसे उपकारों को गिनाना नहीं समझा जाए. वैसे भी हमने मनुष्य पर कोई उपकार नहीं किए हैं, प्रकृति माता ने हमें निमित्त बनाकर मनुष्य को उपहारों के अकूत भाण्डार दिए हैं, हमारी भूमिका तो […]
जल संरक्षण के उपाय
जल प्रकृति की और से सभी जीवों को एक अमूल्य भेंट हैं।वैसे देखें तो जल ही जीवन हैं। जीवोत्पत्ति के क्रम की शुरुआत ही जल से हुई थी ऐसा भी कहा जाता हैं। लेकिन उसे पाने के लिए कोई दाम नहीं देना पड़ता हैं इसलिए इसका उपयोग बड़ी ही बेकद्री से होता हैं।इसी वजह […]
यदि चाहे हम हर घर जल, बचत-प्रबंधन इसके हल
जैसे-जैसे जनसंख्या और अर्थव्यवस्था बढ़ती है, वैसे-वैसे पानी की मांग भी बढ़ती है। सीमित पानी और प्रतिस्पर्धी जरूरतों के साथ, पेयजल प्रबंधन चुनौतीपूर्ण हो गया है। अन्य कठिनाइयाँ, जैसे भूजल की कमी और अनियमित वर्षा। इन कठिनाइयों ने ग्रामीण आबादी को तनाव में डाल दिया है, जो पारंपरिक ज्ञान और जल ज्ञान के साथ अपनी […]
प्रकृति संरक्षण: हमारे समाधान प्रकृति में हैं
प्रकृति में कई प्रकार की प्रजातियां एक पारिस्थितिकी तंत्र में कार्य करती हैं। प्रत्येक जीव अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के साथ-साथ पर्यावरण के विभिन्न अन्य जीवों के लिए भी कुछ उपयोगी योगदान देता है। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है ताकि यह पहचाना जा सके कि एक स्वस्थ […]
खरमोर पक्षियों के संरक्षण के प्रयास में सभी पक्षी प्रेमियों का योगदान आवश्यक
धार जिले की सरदारपुर तहसील में व् मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के स्थानों के अलावा महाराष्ट्र,गुजरात, हरियाणा, आंध्रप्रदेश में भी ये देखे गए।ये खरमोर पक्षी प्रजनन काल हेतु उनके पसंदीदा स्थानों का चयन कैसे कर लेते है ।ये शोध का विषय है । खरमोर पक्षी दक्षिण भारत की दिशा से उड़ान भरते हुए प्रति वर्ष आते है। कोमल […]